अयोध्या के राममंदिर में रामलला के विराजने पर देश भर में जश्न का माहौल है। अगर आप भी राममंदिर या उसी तरह के किसी धार्मिक ट्रस्ट या संस्थान में अपना योगदान करना चाहते हैं तो जरूर करें। इससे आपको इनकम टैक्स में भी छूट मिल सकती है।
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की वेबसाइट पर लिखा है कि यह स्थान ऐतिहासिक महत्व का है। श्रीरामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र में मंदिर के जीर्णोद्धार और उसकी मरम्मत के लिए दिए गए स्वैच्छिक दान का 50 फीसदी आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 80G(2)(b) के तहत छूट के दायरे में आता है।
आज आपका बटुआ में धार्मिक संस्थाओं, मंदिरों या किसी कल्याणकारी काम के लिए दिए गए दान के बारे में समझेंगे और यह भी जानेंगे कि इस डोनेशन के जरिए आप इनकम टैक्स में छूट कैसे पा सकते हैं।
80G का नियम देता है टैक्स में छूट
कोई भी निवासी या अनिवासी भारतीय, जिन्होंने किसी संस्थान, एसोसिएशन या ट्रस्ट को एक तय फंड दान किया है, वह आयकर अधिनियम की धारा 80G के तहत कुल इनकम पर टैक्स में छूट पा सकते हैं।
दान देकर टैक्स में कटौती का दावा सिर्फ ओल्ड टैक्स रिजीम में
दान देकर कटौती का दावा केवल वही लोग कर सकते हैं, जिन्होंने ओल्ड टैक्स रिजीम का विकल्प चुना है। नए टैक्स रिजीम के तहत टैक्सपेयर्स इस छूट का लाभ नहीं उठा सकते हैं।
आपने दान किस कैटेगरी में दिया है, इसे जरूर देखें
यह ध्यान रखना होगा कि आपने जो पैसे दान दिए हैं, वो किसी फंड, धर्मार्थ संस्था या किस कैटेगरी में दिए गए हैं।
कुछ संस्थानों को दिए गए दान पर बिना किसी लिमिट के 50 फीसदी या 100 फीसदी तक टैक्स छूट मिलती है।
इनमें दान पर 100 फीसदी मिलेगी टैक्स छूट
कुछ संस्थाएं ऐसी हैं, जिसे डोनेशन देने पर टैक्स में 100 फीसदी की छूट मिलती है। जैसे-
किसी वस्तु के रूप में दिया गया दान टैक्स कटौती के लिए मान्य नहीं
भौतिक वस्तुओं का दान टैक्स रिबेट में काउंट नहीं होता है। अगर आपने कोई दान सोने-चांदी की मूर्ति, ईंट-पत्थर, पंडाल, सजावट या भंडारे के सामानों के रूप में किया है तो इस दान पर टैक्स से छूट नहीं मिलेगी।
इन पेमेंट मोड से किए गए दान पर मिलती है छूट
2 हजार से ज्यादा के कैश डोनेशन पर छूट नहीं
आपने 2,000 रुपए से अधिक कैश डोनेशन दिया है तो इस रकम पर टैक्स से छूट नहीं पा सकते हैं।
इससे ज्यादा का दान देना है तो 2000 रुपए कैश दे सकते हैं और बाकी का दान दूसरे पेमेंट मोड से कर सकते हैं। तभी इस पर 80G के तहत डिडक्शन क्लेम किया जा सकेगा।
टैक्स छूट के लिए देना होगा 10BE सर्टिफिकेट
टैक्स कटौती के लिए एक ऐसे फंड या संस्थान को दान करना चाहिए, जो आयकर अधिनियम की धारा 80G (5) की तय शर्तों को पूरा करता हो।
नियम के तहत दान लेने वाले संस्थान, ट्रस्ट को आयकर विभाग के पास पूरे साल के दान की डिटेल्स दर्ज करानी होती है।
दान देने वाले को टैक्स में छूट पाने के लिए फॉर्म 10BE प्रमाणपत्र देना होता है। ITR दाखिल करते समय टैक्स में छूट के लिए सबूत के तौर पर फॉर्म 10BE प्रमाणपत्र देना जरूरी है।
दिसंबर, 2023 तक राम मंदिर के लिए 5 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का दान मिल चुका था। वहीं, राम मंदिर निर्माण के लिए अब तक 18 करोड़ भक्तों ने करीब 3,200 करोड़ रुपए की समर्पण निधि जमा की है, जिससे मिलने वाले ब्याज से ही मंदिर के वर्तमान स्वरूप तक का निर्माण हो गया है।
10 लाख की कमाई पर 80G के तहत छूट का गणित ऐसे समझिए
-मान लीजिए कि आपकी सालाना कुल कमाई 10 लाख रुपए है।
-इस इनकम में धारा 80C के तहत आपने 1.5 लाख रुपए की छूट ली है, जिसके बाद आपकी कमाई 8.5 लाख रह जाएगी।
-अगर आपने इक्विटी शेयर ले रखे हैं तो उनकी बिक्री से 1 लाख रुपए का कैपिटल गेन भी हासिल कर लिया है। अब बचे 8.5 लाख में से ये 1 लाख भी घटा दें तो बचे 7.5 लाख रुपए।
-अब आपने साल भर में 90 हजार रुपए कई धार्मिक संस्थाओं को दान दिए, जिस पर आप 50 फीसदी तक की टैक्स छूट पा सकते हैं।
तो आयकर नियम के 80G के तहत जब आप 10 फीसदी की क्वालिफाइंग लिमिट पर टैक्स रिबेट के लिए अप्लाय करेंगे तो 7.5 लाख रुपए का 10 फीसदी होता है 75 हजार रुपए।
अब आप इस पूरी रकम पर छूट के हकदार नहीं है। टैक्स सिर्फ 50% डोनेशन पर मिलेगा यानी आपकी कुल टैक्सेबल इनकम में से 37,500 रुपए कम हो जाएंगे।
कोई भी दान दें, मगर रसीद जरूर लें
इनकम टैक्स की धारा 80G के तहत टैक्स से छूट पाने के लिए, टैक्सपेयर को उस संस्थान या फंड से रसीद या 80जी प्रमाणपत्र प्राप्त करना होगा, जिसमें दान देने की जानकारी हो।
रसीद में धारा 80G के तहत संस्थान या फंड का नाम, पता और पैन नंबर, दान की गई राशि और संस्थान या फंड का रजिस्ट्रेशन नंबर होना चाहिए।
अगर आप पेमेंट गेटवे से पेमेंट करते हैं तो आपको डोनेशन की रसीद तुरंत मिल जाएगी।
मगर, बाकी तरीकों से भुगतान करने पर वेरिफिकेशन पूरा होने के बाद ही रसीद मिलेगी। ऐसे में आपको रसीद हासिल करने के लिए 15 दिन तक इंतजार करना पड़ सकता है।
80G के तहत टैक्स छूट का दावा करते समय ये बातें ध्यान रखें